सिमेज कॉलेज में आयोजित हुआ बाँसुरी वादन का संगीतमय का कार्यक्रम
सिमेज कॉलेज में आयोजित हुआ बाँसुरी वादन का संगीतमय का कार्यक्रम
अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकार पण्डित राजेन्द्र प्रसन्ना ने दी प्रस्तुति
सिमेज कॉलेज में आज बाँसुरी वादन के संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन हुआ | इस कार्यक्रम का आयोजन सिमेज समूह तथा स्पीक मैके के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था | इस अवसर पर बाँसुरी के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कलाकार पण्डित राजेन्द्र प्रसन्ना तथा उनकी टीम ने अपनी कला से उपस्थित लोगों को झूमा दिया | पण्डित राजेन्द्र प्रसन्ना संगीत के क्षेत्र में अति प्रतिष्ठित ‘ग्रैमी अवार्ड’ तथा अन्य कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों के विजेता हैं | इस अवसर पर उनके साथ तबला पर बनारस से आये पण्डित ललित ने जबर्दस्त संगत कर समां बांध दिया | साथ ही दुसरे सिरे पर उनका साथ देने के लिए मौजूद थे दिल्ली से आये युवा बाँसुरी वादक - संस्कार सिन्हा | इन तीनों ने इस अवसर पर बाँसुरी तथा तबला पर सुर-ताल का अद्भुद संगम प्रस्तुत किया और सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया | इन तीनों की संयुक्त जुगलबंदी ने समा बाँध दिया | यह सिमेज कॉलेज में उनका दूसरी बार आगमन था | इस अवसर पर उन्होंने बाँसुरी पर ‘राग शुद्ध सारंग’ का प्रदर्शन किया और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया | इसके बाद उन्होंने बाँसुरी पर “रघुपति राघव राजा राम, सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा, वैष्णव जन तो तेने ही कहिये” इत्यादि गानों को बजाया | इसके साथ ही उन्होंने छात्रों के भारतीय शाश्त्रीय संगीत के बारे में चर्चा की तथा भारतीय शाश्त्रीय संगीत की खूबियों से उन्हें परिचित कराया | इसके साथ ही उन्होंने छात्रों से कई गाने अपने संगीत की धुन पर अपने साथ गवाए,जिसका छात्रों ने भरपूर लुत्फ़ उठाया |
इसके पूर्व सिमेज के निदेशक नीरज अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत किया एवं उन्हे दुशाला देकर सम्मानित किया | उन्होने छात्रों को संबोधित करते हुये कहा कि भारतीय क्लासिकल संगीत छात्रों को एकाग्रता विकसित करने में मदद करता है | इस अवसर पर सिमेज की निदेशिका हेड मेघा अग्रवाल तथा डीन नीरज पोद्दार तथा स्पीक मैके के बिहार के स्टेट कोर्डीनेटर मनीष ठाकुर भी मौजूद थे | इस अवसर पर कॉलेज के छात्र तथा सभी शिक्षक एवं कर्मचारी भी मौजूद थे | छात्रों ने कार्यक्रम की भरपूर तारीफ की और खूब आनंद लिया एवं अंत में प्रश्नोत्तर के माध्यम से अपने सवालों को पुछ कर अपनी जिज्ञासा शांत की |